हमें फॉलो करें

सुनहरा भविष्य बनाएं बकरी पालन ट्रेनिंग के साथ – केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र मथुरा | Best institute for Goat Farming Training

केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र की स्थापना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 12 जुलाई 1979 में की गई थी.केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र द्वारा दी जाने वाली गोट फार्मिंग की ट्रेनिंग अधिकांशतः 7 दिनों में पूर्ण हो जाती है. सी आई आर जी द्वारा अब तक हजारों पशुपालकों को बकरी पालन की ट्रेनिंग दी जा चुकी है . साथ ही इन पशुपालकों द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से बहुत बड़ी संख्या में रोजगार के नये अवसर सृजित किए गए हैं. बकरी पालन के व्यवसाय को बृहद पैमाने पर लाभदायक बनाने में यह संस्थान सहायक सिद्ध हुआ है.
Share
iबकरी पालन ट्रेनिंग का श्रेष्ठ संस्थान मखदूम मथुरा में स्थित है
सी आई आर जी संस्थान मथुरा देश में बकरी पालन ट्रेनिंग का सर्वश्रेष्ठ संस्थान है.
हमें फॉलो करें

राष्ट्रीय स्तर पर बकरी पालन ट्रेनिंग का श्रेष्ठ संस्थान

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद आईसीएआर द्वारा 12 जुलाई 1979 को केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र की स्थापना उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की फरह तहसील के मखदूम गांव में की गई

इस स्थान का मुख्य उद्देश्य है वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन और बकरियों की उन्नत नस्ल के बारे में अनुसंधान करना है सी आई आर जी अथवा केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र द्वारा समय-समय पर पशुपालकों को बकरी पालन या गोट फार्मिंग के विषय में तकनीकों की नई जानकारी प्रदान करके ट्रेनिंग दी जाती है

सी आई आर जी द्वारा पशु पालकों को बकरी पालन या गोट फार्मिंग के विभिन्न आयामों के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है जिसमें से मुख्य बिंदु निम्नलिखित है

  1. बकरियों की प्रमुख नस्लें और उनका प्रजनन
  2. बकरियों का संतुलित आहार चारा एवं पोषण की व्यवस्था
  3. बकरियों का स्वास्थ्य विज्ञान टीकाकरण एवं बीमारियों से बचाव
  4. बकरियों के फार्म के शैड एवं प्रबंधन की जानकारी
  5. बकरियों के उत्पादों की प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन एवं मार्केटिंग

बकरी पालन शुरू करते समय उपरोक्त सभी बिंदुओं का अच्छे से ध्यान रखना जरूरी होता है । ज्यादातर लोग जो बिना किसी ट्रेनिंग के बकरी पालन का काम शुरू कर देते हैं, नुकसान में जाने की संभावना रहती है, एवं निराशा में आकर बकरी पालन करना बंद कर देते हैं।
केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र द्वारा वैज्ञानिक एवं आधुनिक तरीके से बकरी पालकों को ट्रेनिंग दी जाती है।
बकरी पालन शुरू करते समय जिस क्षेत्र में में बकरी पालन शुरू करना होता है, उस क्षेत्र की मार्केट के बारे में एवं क्षेत्र में पाए जाने वाली बकरियों की प्रमुख नस्लों के बारे में जानकारी होना आवश्यक होता है।

सी आई आर जी के ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटड रिसर्च प्रोजेक्ट के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर बकरी सुधार कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस बकरी सुधार कार्यक्रम को देश के अलग-अलग 21 केंद्रों के साथ इस कार्यक्रम को चलाया जा रहा है। बकरियों की नस्ल सुधार के साथ साथ अच्छी बकरियों की उत्पादन की क्षमता को रिकॉर्ड करना, उनका सरंक्षण करना , अच्छे नस्ल की बकरियों की पहचान उनकी भौगोलिक उत्पत्ति के स्थान के अनुसार करना, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र का ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट बकरी सुधार कार्यक्रम के माध्यम से पूरे देश में 21 अन्य केंद्रों के सहयोग से बकरी की रजिस्टर्ड 15 और 3 अन्य लोकल बकरी की नस्लों काम कर रहा है।

केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र के माध्यम से 27 राज्यों के 7500 पशुपालकों को अब तक ट्रेनिंग दी जा चुकी है। जिन्होंने आगे चलकर इस ट्रेनिंग के द्वारा द्वारा बकरी पालन के क्षेत्र में 10,000 से अधिक रोजगार सृजित किए हैं एवं प्रति बकरी 4000 से ₹6000 अधिक लाभ प्राप्त किया है।
इस प्रकार केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र मखदूम, बकरी पालन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर देश भर में रोजगार के नए अवसर सृजित करने में कामयाब हुआ है। साथ ही पशुपालकों के सामाजिक आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में अपनी महती भूमिका अदा कर रहा है। केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र की प्रशिक्षण प्रदान करने की यह सफलता की यात्रा भविष्य में भी पशु पालकों को भी उन्नत बकरी पालन के व्यवसाय के बारे में तकनीकी व एवं वैज्ञानिक ज्ञान बढ़ाते हुए प्रेरित करती रहेगी।

सी आई आर जी द्वारा 102 वीं सात दिवसीय बकरी पालन ट्रेनिंग का आयोजन 3 अगस्त से 9 अगस्त 2023 में किया जा चुका है।
बकरी के मीट उत्पादों एवं प्रसंस्करण की पांच दिवसीय ट्रेनिंग का आयोजन 11 से 15 सितंबर 2023 को किया जा रहा है। इस ट्रेनिंग में भाग लेने के लिए इच्छुक पशुपालक अपना आवेदन केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र ( सी आई आर जी ) की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं।

सी आई आर जी द्वारा आयोजित बकरी पालन अथवा गोट फार्मिंग ट्रेनिंग करने के आवश्यक जानकारियां-

  • देश के किसी भी राज्य का मूल निवासी केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र में बकरी पालन की ट्रेनिंग ले सकता है।
  • सी आई आर जी द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग की अवधि बकरी पालन के विषय के आवेदन के चुनाव पर निर्भर करती है। अधिकांशत ट्रेनिंग की अवधि 7 दिन की होती है।
  • संस्थान द्वारा ट्रेनिंग के लिए चयनित होने के बाद आवेदक को बकरी पालन ट्रेनिंग के लिए चुने गए विषय के अनुसार ही भुगतान करना होता है।
  • आवास एवं भोजन का भुगतान पाठ्यक्रम शुल्क के अतिरिक्त आवेदक को स्वयं करना होता है।
  • राष्ट्रीय स्तर की बकरी पालन ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए आवेदन फार्म हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होते हैं।
  • बकरी पालन ट्रेनिंग एवं बकरी पालन से जुड़े हुए अन्य विषय की ट्रेनिंग के लिए केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क किया जा सकता है जिसका लिंक दिया जा रहा है, http://www.cirg.res.in
Share
Previous Post
पशुपालन एवं डेयरी विभाग की क्रेडिट गारंटी योजना

पशुपालक साथी क्रेडिट गारंटी योजना का लाभ उठाएं

Next Post
sahiwal cows and mud house with farm tourism

मड हाऊस, साहिवाल फॉर्म, जैविक खेती, फॉर्म टूरिज्म, सब कुछ है एक जगह पर, अद्भुत और शानदार !!