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मधुमक्खी पालन में है रोजगार के शानदार अवसर

मधुमक्खी पालन को बहुत कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है. साथ में धीरे-धीरे इसको छोटे उद्यम से इसको बड़े बड़े उद्यम के रूप में इसका विस्तार किया जा सकता है.
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collection of honey by bee keeping attendant
honey should be collected cautiously by the bee keepers.
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मधुमक्खी पालन को बहुत कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है. साथ में धीरे-धीरे इसको छोटे उद्यम से इसको बड़े बड़े उद्यम के रूप में इसका विस्तार किया जा सकता है.

मधुमक्खी पालन का भविष्य एवं संभावनाएं

वर्ष 2022 में भारतवर्ष में शहद का मार्केट 2300 सौ करोड रुपए का अंक आ गया है और हर वर्ष करीब 8. 4 प्रतिशत की वृद्धि दर से शहद का मार्केट 2028 में करीब 3900 करोड का हो जाएगा.
इतनी तीव्र गति से वृद्धि दर हासिल करने वाला शहद का बृहद बाजार देशभर में मधुमक्खी से जुड़े हुए रोजगार और उद्यमों को नए पंख लगाने वाला है.
इससे पहले कि हम मधुमक्खी पालन से जुड़ी जानकारियां आपसे साझा करें, दिन प्रतिदिन शहद की डिमांड बढ़ने के पीछे ऐसे कौन से कारण हैं हम आपको यहां बताना चाहेंगे.

स्वास्थ्य के लिए शहद के मुख्य लाभ-

शहद का उपयोग प्रतिदिन की दिनचर्या में स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी माना गया है.आयुर्वेदिक औषधियों में शहद का उपयोग हजारों सालों से किया जा रहा है।
शहद की मूल प्रकृति रोगाणु रोधी मानी गई है. एंटीसेप्टिक एंटीसेप्टिक लोक की वजह से गांवों को जल्दी भरने में भी मदद करता है। शहद का प्रतिदिन उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है साथ ही शक्ति व स्टेमिना बढ़ाने में भी सहायक होता है। शायद के अन्य मुख्य गुणों में इसका उपयोग इससे कैंसर और हृदय रोगों से बचाव के लिए गुणकारी माना गया है.

शहद के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी गुणों की वजह से ही मधुमक्खी पालन का मार्केट लगातार बढ़ता जा रहा है.

मधुमक्खी पालन को बहुत ही कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है और साथ में धीरे-धीरे इसको छोटे उद्यम से इसको बड़े बड़े उद्यम के रूप में इसका विस्तार किया जा सकता है.

मधुमक्खी पालन अपने आप में एक ऐसा उद्योग है जो खेती व अन्य किस्म की बागवानी की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने मैं सहायता करता है. यह सहायता मधुमक्खियों द्वारा फूलों में परागण की क्रिया को बढ़ाकर उपज में फायदे को भी बढ़ा देती है.

मधुमक्खी पालन विस्तार से-

मधुमक्खियां फूलों से रस निकालकर अपने छत्ते में आती हैं और शहद बनाती हैं। इस इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मधुमक्खियों को अगर बड़ी संख्या में एक निश्चित तरीके से पाला जाता है तो उनसे शहद का उत्पादन लिया जाता है शहद की दिनोंदिन बढ़ती डिमांड के कारण और इस डिमांड को पूरा करने के लिए मधुमक्खी पालन शुरू किया जाता है.
मधुमक्खियों के छत्ते वैक्स या मोम से बने होते हैं जो कि बाजार में मोम की डिमांड को भी पूरा करने में सहायक होते हैं.

इस तरह से मधुमक्खी पालन द्वारा शहद के साथ साथ हमें मोम और गोंद की भी बड़ी मात्रा में प्राप्ति होती है.

मधुमक्खी पालन के लिए है कोई भी साथी 10 से 20 बॉक्स लेकर भी मधुमक्खी का पालन का बिजनेस शुरू कर सकता है. प्रतिवर्ष एक बॉक्स से औसतन 40 किलोग्राम शहद प्राप्त होता है और बॉक्स होने पर इसकी मात्रा करीब 800 किलोग्राम हो जाएगी। हिसार 100 किलोग्राम शहद को बाजार मूल्य में बेचकर मुनाफा कमाया जा सकता है.

मधुमक्खी पालन करने में एवं प्रोसेसिंग प्लांट लगाने में सरकार भी इसमें मदद करती है . मधुमक्खी पालन देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए एक गतिशील उद्यम के रूप में लगातार उभर रहा है। बहुत से किसान हर साल परंपरागत कृषि के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के व्यवसाय में अपना हाथ आजमा रहे हैं। इससे कमाई के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी हो रही है और कृषि एवं बागवानी के उत्पादन को भी मधुमक्खी पालन द्वारा द्वारा बढ़ाया जा रहा है.

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड अर्थात नेशनल बी बोर्ड ( एनबीबी) –

मधुमक्खी पालन के उद्यम को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड की स्थापना की गई है.राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड का कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है. राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड नाबार्ड के साथ मिलकर भारत में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करता है. इससे मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय शुरू करने वाले किसानों को संस्थानों को केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर सब्सिडी प्रदान करती है.

कमर्शियल क्षेत्र में मधुमक्खी पालन के लिए लोन –

कमर्शियल क्षेत्र के लिए आईडीबीआई बैंक के द्वारा मधुमक्खी पालन योजना के अंतर्गत लोन की सुविधा प्रदान की जाती है.
यह लोन मधुमक्खियों की इकाइयों को शुरू करने के लिए एवं शहद के प्रोसेसिंग प्लांट को लगाने के लिए दिया जाता है।
मधुमक्खी पालन के अंतर्गत लिया गया लोन मधुमक्खी पालकों को 5 से 7 वर्ष में वापस करना होता है . इस योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत किसानों को संस्थाओं को गैर सरकारी संगठनों को एफपीओ को एवं अन्य लोगों को भी कमर्शियल मधुमक्खी पालन के लिए लोन दिया जाता है.

मधुमक्खी पालन में मधुमक्खियां के एक बॉक्स से औसतन कितना शहर प्राप्त होता है?

मधुमक्खियों के एक बॉक्स से औसतन एक वर्ष में 40 किलोग्राम शहद प्राप्त होता है.

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड का कार्यालय कहां स्थित है ?

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड का कार्यालय नई दिल्ली में स्थित है.

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