मड हाऊस, साहिवाल फॉर्म, जैविक खेती, फॉर्म टूरिज्म, सब कुछ है एक जगह पर, अद्भुत और शानदार !!
शहरों की भागती दौड़ती जिंदगी को सुकून देने के लिए एवं नई पीढ़ी को कुदरत के और करीब ले जाने के लिए नवरूप सिंह के द्वारा एक नये प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी है. इस नये प्रोजेक्ट को ” मड हाऊस फार्मिंग” अथवा “फार्म टूरिज्म” का नाम दिया गया है.
मड हाऊस, फार्म टूरिज्म, जैविक खेती और साहीवाल गौ पालन” का प्रेरणादायी अनूठा माडल :-
सरदार नवरूप सिंह श्रीगंगानगर जिले की रायसिंहनगर तहसील के 58 आर बी के रहने वाले हैं. नवरूप सिंह 21 वर्ष की आयु में कनाडा चले गए थे वहां कुछ वर्ष रहने के बाद देश वापस लौटने का उन्होंने अपना मन बना लिया था.
देश में वापस लौट के आने के बाद नवरूप सिंह ने अपने गांव को अपनी कर्मभूमि बनाया। इस कर्म भूमि पर उन्होंने बहुत ही अनूठे और प्रेरणादाई मॉडल मड हाऊस टूरिज्म अथवा फार्म टूरिज्म प्रोजेक्ट क्षेत्र के लोगों के लिए प्रस्तुत किया।
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत धीरे धीरे चरणबद्ध तरीके से की गयी थी । नवरुप सिंह ने आरम्भ में साहीवाल नस्ल की गायों में नस्ल सुधार के माध्यम से अच्छे किस्म की साहिवाल गाय प्राप्त । उन्होंने साहिवाल गोपालन के साथ साथ जैविक कृषि की भी शुरुआत कर दी। नवरूप सिंह ने बात करते हुए कहा के हमारा शरीर की जीवन ऊर्जा का निर्माण भोजन से होता है। यह भोजन भी अंततः कृषि भूमि में फसलों के रूप में उपजता है। इसलिए उन्होंने कृषि भूमि को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जैविक खेती की शुरुआत की। नवरूप सिंह इस बात को अच्छे से समझ चुके थे कि जैविक कृषि के बिना स्वस्थ जीवन की परिकल्पना संभव नहीं है. इसलिए उन्होंने जैविक खेती से उपजे हुए कृषि उत्पादों को आसपास के जागरूक लोगों तक पहुंचाना शुरू कर दिया. नवरूप सिंह ने अपने जैविक जैविक कृषि उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया इस ब्रांड को उन्होंने नाम दिया ” थार नेचुरल फार्म्स”. आज के समय में कृषि उत्पादों का यह ब्रांड आसपास के क्षेत्र के सभी जागरूक लोगों के बीच अपनी प्रतिष्ठा बन चुका है.
शहरों की भागती दौड़ती जिंदगी को सुकून देने के लिए एवं नई पीढ़ी को कुदरत के और करीब ले जाने के लिए नवरूप सिंह के द्वारा एक नये प्रोजेक्ट की शुरुआत की गयी है. इस नये प्रोजेक्ट को ” मड हाऊस फार्मिंग” अथवा “फार्म टूरिज्म” का नाम दिया गया है. फार्म टूरिज्म के लिए नवरुप सिंह ने कृषि भूमि पर मिट्टी की कच्ची ईंटों से बने घरों का निर्माण किया है. उन्होंने बताया की पक्की घरों के लिए जो मकान बनाए जाते हैं उसमें लाखों सालों की प्रक्रिया के दौरान तैयार हुई उपजाऊ मिट्टी को पक्की ईंटों के निर्माण में काम में ले लिया जाता है . पक्की ईंटों से बने हुए घर कार्बन फुटप्रिंट को वातावरण में बढ़ा कर पर्यावरण का नुकसान करते हैं. ऐसा लगातार होने से प्रकृति को नुकसान पहुंचता है. इस से उपजाऊ भूमि भी वर्ष दर वर्ष कम होती जा रही है.
स. नवरूप सिंह ने विभिन्न संस्थाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों एवं स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में भोजन के प्राकृतिक स्रोतों के प्रति व्यवहारिक ज्ञान होने को बहुत आवश्यक बताया है . उन्होंने कहा के आजकल के बच्चों को कहने को तो आधुनिक शिक्षा दी जा रही है. लेकिन ज्यादातर बच्चों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके दिन प्रतिदिन का भोजन फसल के रूप में कैसे उपजता है. नवरूप सिंह ने सभी शिक्षण संस्थाओं का आह्वान किया . उन्होंने सभी विद्यार्थियों को नजदीक के किसी भी फार्म पर कभी ना कभी जाने के लिए प्रेरित किया. जिससे फसलों के बारे में, पशुपालन के बारे में उनका ज्ञानवर्धन हो सके. जिससे विद्यार्थियों को खेतों में पैदा होने वाली विभिन्न फसलों के बारे में जानकारी मिलेगी. बच्चों और बड़ों का दोनों को कृषि भूमि – वन क्षेत्र में पाए जाने वाली विभिन्न जड़ी बूटियां के महत्व के बारे में जानकारी भी जरूर होनी चाहिए. जिससे कभी विपरीत परिस्थिति होने पर उनके जीवन की रक्षा हो सके.
नवरूप सिंह ने बताया कि अगर कोई संस्थान अपने बच्चों को उनके फार्म पर लेकर आना चाहते हैं तो वो उनका स्वागत है करेंगे.
आज के इस तथाकथित आधुनिक समय की यह बहुत बड़ी सच्चाई है कि सभी लोग एक ऐसी व्यवस्था में, भाग-दौड़ में शामिल हो चुके हैं. जिसमें चाहते हुए या ना चाहते हुए भी इस भाग दौड़ शामिल होना पड़ रहा है. इसलिए सभी ने इस तनावपूर्ण जीवन शैली को अपनी नियति मान लिया है.
जीवन के अस्तित्व के लिए सुकून और शांति का होना अत्यंत आवश्यक है. ऐसा न होने की स्थिति में दुनिया की कोई भी भौतिक सुख सुविधा जीवन के खालीपन को नहीं भर सकती है.
अपने आप को पूर्ण रूप से मानसिक शारीरिक स्वस्थ करने के लिए हमारे समाज को नवरूप सिंह जैसे शुरू किए गए बहुत से प्रोजेक्ट की आवश्यकता है.इसलिए जब भी समय निकाल कर ऐसे स्थान पर अवश्य जाना चाहिए.
ऐसे स्थानों पर अपने दोस्तों, परिजनों, बच्चों के साथ जाने से जीवन में सुकून और शांति का फिर से एहसास होगा. सभी लोग प्रकृति के और ज्यादा करीब खुद को महसूस कर सकेंगे. और अपने सांसारिक कामों को अधिक क्षमता के साथ पूर्ण करने में मदद भी मिलेगी. इसलिए सभी लोगों को मड हाऊस टूरिज्म अथवा फार्म टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहिए.
स. नवरूप सिंह का यह मड हाउस टूरिज्म, जैविक कृषि,एवं साहिवाल गोपालन का यह संयुक्त प्रोजेक्ट इलाके के लोगों के लिए एक शानदार रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है. उनका यह संयुक्त प्रोजेक्ट पशुपालन और कृषि के क्षेत्र में काम करने वाले युवाओं, पशुपालकों, किसानों के लिए नई मिसाल के रूप में उभर रहा है. नवरूप सिंह ने अपने कर्म योग और तपस्या से यह साबित कर दिया. के मेहनत में निरंतरता बनाए रखते हुए दूरदर्शिता के साथ किया गया ईमानदारी से किया गया कार्य आपको एक ब्रांड के रूप में स्थापित करता है. उनके द्वारा शुरू किया गया यह आदर्श प्रोजेक्ट क्षेत्र के लोगों के लिए पशुपालन के क्षेत्र में समृद्धि एवं रोजगार के कारगर अवसरों की रचना करने में सहायक सिद्ध होगा.
नवरुप सिंह के इस प्रोजेक्ट की पूर्ण जानकारी के लिए यूट्यूब पर दिया गया वीडियो पूरा देखें. साथ में इस यूट्यूब वीडियो का आपको लिंक दिया जा रहा है. और समय निकालकर उनके फार्म पर एक बार अपने परिजनों बच्चों, मित्रों के साथ जाकर जीवन में सुकून और शांति को फिर से महसूस करें.